अरमानों की बस्ती में हम आग लगा बैठे।
- ऎ दील! तेरी दुनिया को हम लुटा बैठे।।
जब से तुम्हें पहलू में हम अपने बसा बैठे।
- दील हमको गवाँ बैठा, हम दील को गवाँ बैठे।।
पानी में बहा देंगे घडियां तेरी फुरकत की।
- हम आँखों के परदों में सावन को छुपा बैठे।।
In my dream you are mine but in my life you are @ dream
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